शर्मनाकःगुहार लगाता रहा पिता, नही मिली एम्बुलेंस बेटे ने गोद में तोड़ा दम 

बहराइच —  अस्पातल में जिंदगी और मौत से लड़ रहे एक मासूम ने आखिरकार ढाई घंटे तक एम्बुलेन्स न मिलने के बाद दम तोड़ दिया। एक पिता अपने मासूम को बचाने के लिए एम्बुलेन्स

वालो से गुहार लगता रहा पर किसी ने एक न सुनी और मासूम बच्चे ने पिता की गोद मे दम तोड़ दिया । 

जी हां हम बात कर रहे हैं  उत्तर प्रदेश के बहराइच जिला अस्पताल की। अब हम आपको दिखाते है अस्पताल परिसर का वो नजारा जिसे देख कर आपका दिल दहल जाएगा,  ये महज एक तस्वीर नहीं, बल्कि वो आईना है जो यूपी सरकार के उन दावों की पोल खोल देगा,  जहां ये कहा जाता है के अब किसी की एम्बुलेन्स के अभाव में मौत नही होगी, अब  सरकार अपने दावों का सच देखना चाहती है तो जरा इस तस्वीर में  झांकने की हिम्मत दिखाए। जिले के आला अधिकारी  चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था के दंभ की हकीकत महसूस करने का दम दिखाएं तो इसे देखें।

पूरे प्रदेश में दिमागी बुखार से मासूमों को बचाने के लिए अफसर से लेकर सीएम तक मरीजो को सरकारी अस्पताल बुलाते हैं। लेकिन अस्पताल के मरीजों के जीवन से  किस तरह से खिलवाड़ किया जाता है। ये आप तस्वीरों में खुद देख लें ।

 जिले के रिसिया  इलाके के नौवा गांव निवासी दिनेश का दो साल का पुत्र सचिन दिमागी बुखार से पीड़ित था। दो दिन पहले बेटे को लेकर मेडिकल कॉलेज बहराइच में आये दिनेश के बेटे को पीडियाट्रिक आइसीयू वार्ड में रखा गया, बुधवार को बेटे की हालत बिगड़ने पर चिकित्सकों ने उसे मेडिकल कॉलेज बहराइच से लखनऊ रेफर कर दिया। 

बच्चे को लखनऊ मेडिकल कॉलेज ले जाने के लिए तीमारदार ने 108 एम्बुलेंस सेवा को साढ़े नौ बजे फोन किया परिजनों का आरोप है कि एक घंटे बाद एम्बुलेंस आई भी तो एम्बुलेंस कर्मियों ने इधर उधर दौड़ाया। मासूम को गोद में लेकर ढाई घंटे तक मा बाप एम्बुलेंस की तलाश में अस्पताल परिसर में भटकते रहे,  परिजनों का ये भी आरोप है की जब एम्बुलेंस आई तो उस पर तैनात कर्मी ने ऑक्सीजन व अन्य सुविधाओं के लिए पैसे मांगे। पैसे देने में अश्मर्थता जाहिर करने पर एम्बुलेंस कर्मी टाल मटोल करने लगा।

इस दौरान लगभग ढाई घंटे का वक्त बीत गया । और पिता की बांहों में मासूम ने सिसक सिसक कर दम तोड़ दिया। ये मौत उस सिस्टम के दावों को भी उजागर कर रही थी जो सरकार के बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दंभ भरती हैं। तिल तिल बेटे को मरता देख बदहवास माँ बाप सरकारी सिस्टम को कोसते हुए घर चले गए। इस मामले पर बोलने के लिए कोई जिम्मेदार अधिकारी तैयार नही है । 

(रिपोर्ट-अनुराग पाठक,बहराइच)

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