इस महिला DM की मुहिम से फैल रहा ज्ञान का प्रकाश,नीति आयोग ने भी की सराहना !

बहराइच–सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता के विकास के लिए जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव के प्रयासों को अब किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। डीएम की ओर से शुरु किए गए विद्यादान एक आदर्श दान की अभिनव पहल को नीति आयोग ने सराहा है। 

जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने पहले तो ‘शिक्षा की डोर बहराइच की ओर’ नाम से शिक्षक प्रशिक्षण की एक ऐसी मुहिम चलायी जो अब गतिविधि आधारित प्रशिक्षण पर पूरे उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के लिए एक मॉडल बन चुका है। इसी बीच जिलाधिकारी ने बहराइच जिले में परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को अभिप्रेरित करने, उदासीन और अलग थलग पड़ चुके सरकारी स्कूलों से प्रबुद्ध वर्ग को जोड़ने के लिए ‘विद्यादान, एक आदर्श दान’ की शुरुआत की। आज विद्यादान इस जिले में ही नहीं आस पास के अन्य जिलों में भी किसी न किसी अन्य नाम से संचालित हो रहा है। 

भारत सरकार की संस्था नीति आयोग ने भी जनपद की इस पहल को सराहा और अपने ट्वीटर से प्रधानमंत्री कार्यालय तक को ट्वीट किया है। अभी विद्यादान एक आंदोलन के रूप में चल ही रहा है। इसी बीच जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने जनपद की शिक्षा को मजबूत करने, शिक्षकों और प्रशिक्षकों के संबलन और संवर्धन हेतु एक नयी पहल की शुरुआत की। जनपद बहराइच में 150 आदर्श स्कूल अन्य विद्यालयों के लिए डेमोंस्ट्रेशन प्रस्तुत करेंगे। जनपद के सभी विकास खंडों में कम से कम 10 आदर्श विद्यालय गठित किए जाएंगे। जनपद के ये आदर्श विद्यालय भवन ढांचा, रंगाई रोगन से कहीं ज्यादा अपनी पेडागोजी, शिक्षकों के क्रियात्मक अनुसंधान, विद्यालय में संचालित बाल संसद व बाल मंत्रिमंडल और विद्यार्थियों के अधिगम परिणामों के लिए जाने जायेगें। 

ये आदर्श विद्यालय न केवल अपने बच्चों को शैक्षणिक या स्कालोस्टिक शिक्षा प्रदान करेंगे बल्कि जनपद के अन्य 3400 विद्यालयों के लिए भी एक प्रकार का डेमोंस्ट्रेशन स्कूल बनेंगे। डीएम माला श्रीवास्तव ने बताया कि अपने व्यवहार पर सोचना, मुश्किलों को सहन करना, आत्मविश्वास का होना, भावनाओं को समझना, अपने दैनिक जीवन में सौंदर्य और आनंद को तलाश कर पाना आदि गैर-स्कालोस्टिक गुणों के उदाहरण हैं। जिन पर काम करते हुये बहराइच एक नए कीर्तिमान स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है।

(रिपोर्ट-अनुराग पाठक, बहराइच)

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