2जी मामले में विशेष अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देगी CBI

नई दिल्ली– यूपीए सरकार के दौरान बहुचर्चित 2जी घोटाले पर आज दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआई अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने ए राजा, कनिमोई सहित तमाम आरोपियों को इस मामले में बरी कर दिया है।

आरोपियों के वकील विजय अग्रवाल ने बताया कि विपक्ष किसी भी आरोप को साबित नहीं कर पाया और उनके खिलाफ सबूत देने में पूरी तरह से विफल रहा है। वकील ने कहा कि सबकुछ इस मामले में सही है, सीबीआई ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है, सीबीआई के सभी दावे झूठे थे। 

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आपको बता दें कि सभी आरोपियों को सभी तीनों मामले में बरी किया गया है, इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, डीएमके सांसद कनिमोई सहित कई हाई-प्रोफाइल लोग आरोपी थे। अभी तक कोर्ट ने तीन मामलों की सुनवाई की है जिसमे से दो मामले सीबीआई के हैं और एक मामला प्रवर्तन निदेशालय का है।

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पहले केस में सीबीआई ने ए राजा, कनिमोझी, पूर्व टेलीकॉम सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, ए राजा के तत्कालीन निजी सचिव आरके चंदौलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा, विनोद गोयनका, यूनिटेक के एमडी संजय चंद्रा, कुशेगांव फ्रूट्स एवं वेजिटेबल के आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, शरुद कुमार और सिनेयुग फिल्म के करीम मोरानी के साथ रिलायंस के गौतम जोशी, सुरेंद्र पिपारा, हरि नैयर को आरोपी बनाया गया था। इन तमाम आरोपियों के अलावा रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड, यूनिटेक वायरलेस को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया था।

बता दें कि 2010 में 2जी घोटाला सामने आया था, यह घोटाला उस वक्त सामने आया जब महालेखाकार और नियंत्रक ने अपनी रिपोर्ट में 2008 के दौरान बांटे गए 2जी स्पेक्ट्रम पर सवाल खड़े किए थे। इस स्पेक्ट्रम को बांटे जाने पर कैग ने सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि यह पहले आओ पहले पाओ के आधार पर बांटा गया, जिसके चलते सरकार को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। अगर 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की गई होती तो सरकार को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए हासिल हो सकते थे।

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