अखिलेश को बड़ा झटका, सपा छोड़ भाजपा का दामन थामेंगे नरेश अग्रवाल

लखनऊ –समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल के अचानक सपा छोड़ बीजेपी में शामिल होने के फैसले ने यूपी की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है.सूत्रों की माने वह सोमवार करीब शाम 4 बजे बीजेपी का दामन थामेंगे. 

दरअसल, नरेश अग्रवाल का राज्यसभा कार्यकाल 23 मार्च को खत्म हो रहा है, लेकिन सपा ने उन्हें दुबारा राज्यसभा न भेजते हुए जया बच्चन को उम्मीदवार बनाया है जिसको लेकर वह नाराज थे.बताया जाता है नरेश अग्रवाल दिल्ली स्थित बीजेपी दफ्तर में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे.

गौरतलब है कि यूपी में नरेश अग्रवाल की छवि ऐसे  नेता की रही है जो हमेशा सत्ता के साथ रहने के आदी रहे हैं. राज्यसभा चुनाव में जया बच्चन को मौका मिलने  और खुद के ठुकराए जाने से नरेश अग्रवाल आहत थे. मूल रूप से कांग्रेसी नेता रहे नरेश अग्रवाल ने कल्याण सिंह सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस में ही दो फाड़ करा दिए थे.

लोकतांत्रिक कांग्रेस बनाई थी. एवज में इन्हें उपमुख्यमंत्री का ओहदा भी मिला था. हरदोई जिले के निवासी 68 वर्षीय नरेश अग्रवाल बीएससी, एलएलबी हैं.बता दें कि जब 1980 में पहली बार कांग्रेस के टिकट से विधायक बने. इसके बाद 1989 से 2008 तक लगातार यूपी विधानसभा के सदस्य रहे. जिधर सत्ता उधर नरेश के मंत्र का पालन करने वाले नरेश 1997 से 2001 में  उर्जा मंत्री रहे. 2003 से 2004 तक पर्यटन मंत्री और 2004 से 2007 तक मुलायम के शासनकाल में परिवहन मंत्री रहे. 

इसके बाद मायाराज में बसपा के पाले में आ गए माया सरकार में.उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया फिर राज्यसभा के लिए चुन गए.  बाद में बसपा से नाता तोड़कर एक बार फिर सपा आये और राज्यसभा के सदस्य बने.यही नहीं इनके बेटे नितिन अग्रवाल भी सपा से चुनाव जीत कर अखिलेश सरकार में मंत्री बने, वर्तमान में भी हरदोई से सपा विधायक हैं. सैफई परिवार की जंग में नरेश ने खुलकर अखिलेश का साथ दिया. इन्हें रामगोपाल यादव का करीबी माना जाता रहा. सपा के सबसे मुखर चेहरे के तौर पर चर्चित रहे.

नरेश अग्रवाल अक्सर बीजेपी पर तंज कसते नजर आए. लेकिन  कहावत है कि सियासत में कुछ भी स्थायी नहीं न ही दोस्ती न ही दुश्मनी, तो अब नरेश अग्रवाल ने बीजेपी का दामन थाम लिया. नरेश अग्रवाल के समर्थक विधायक भी अगर बागी तेवर दिखाते हैं तो फिर राज्यसभा चुनाव के बावत अखिलेश मायावती के गठबंधन के लिए ये करारा झटका साबित हो सकता है. क्योंकि महज 19 विधायको वाली बसपा को सपा के दस वोटों की सबसे अधिक जरूरत है, इसमें कोई  भी कमीबेशी सारा समीकरण पलट सकता है.

नरेश अग्रवाल के विवादित बयान….

    14 नवंबर, 2013– मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि एक चाय बेचने वाले की सोच कभी राष्ट्रीय नहीं हो सकती.
    6 नवंबर, 2017—खुद को भगवान बताते हुए मोदी और योगी का मजाक उड़ाया.
    27 दिसंबर, 2017– कुलभूषण जाधव के बारे में कहा था कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को आतंकवादी मानता है और उसी हिसाब से व्यवहार कर रहा है.  भारत को आतंकवादियों के साथ कड़ा व्यवहार करना चाहिए. 
    6 फरवरी, 2018—–नरेश अग्रवाल ने कश्मीर में लगातार शहीद हो रहे भारतीय सेना के जवानों के बारे में बात करते हुए कहा, ‘अगर आतंकवादी ये हाल कर रहे हैं, पाकिस्तानी फौज आ गई तो क्या हालत होगी?
    ’11 मार्च, 2018—लखनऊ में वैश्य सम्मेलन में नरेश अग्रवाल ने पीएम मोदी पर जातिसूचक टिप्पणी करते की. कहा मोदी तो तेली हैं, बनिया नहीं. सिर्फ बनिया ही व्यापार कर सकता है.
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