करवा चौथ 2020: जानें कहां तक सही है कुंवारी लड़कियों का व्रत रखना…

आजकल कुंवारी लड़कियां भी यह व्रत करने लगी है, यह चलन कुछ बढ़ता ही जा रहा है...

करवा चौथ का व्रत आ गया जिसका सुहागिन महिलाएं बेसब्री से इंतजार करती हैं। इस बार करवा चौथ 4 नवंबर, बुधवार को है। सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। भगवान गणेश की प्रिय तिथि चतुर्थी में किया जाने वाला यह व्रत स्त्रियों का सर्वाधिक लोकप्रिय व्रत है।

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इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति के हाथों व्रत खोलती है।

कुंवारी लड़कियां का व्रत रखने का चलन

पर आजकल कुंवारी लड़कियां भी यह व्रत करने लगी है, यह चलन कुछ बढ़ता ही जा रहा है। जहां कई लड़कियां मनचाहा पति पाने के लिए करती हैं तो कुछ अपने प्रेमी के लिए करती है कि उसकी उम्र लंबी हो जाए, उसका प्यार मिलता रहे और बढ़ता रहे।

पर सवाल उठता है कि आखिर इन कुंवारी लड़कियों का करवा चौथ व्रत रखना कहां तक सही हो सकता है? क्या धर्म इन्हें यह व्रत करने से रोकता नहीं है?

क्या कुंवारी लड़कियां को व्रत ऐसा करना सही है? यहां जानें…

देखा जाए तो यह व्रत पूरी तरह से शादीशुदा महिलाओं के लिए है पर ज्योतिषियों का मानना हैं कि कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए कुंवारी लड़कियां भी अगर किसी प्रेम के रिश्ते में हैं तो वे करवा चौथ का व्रत कर सकती हैं।

वहीं जिन लड़कियों की शादी का रिश्ता पक्का हो गया है , सगाई हो गई है तो वे भी अपने मंगेतर के लिए करवा चौथ का व्रत कर सकती हैं।

साथ ही जो लड़कियां किसी रिश्ते में नहीं है या फिर सगाई आदि भी नहीं हुई है वे भी अच्छे वर की कामना के लिए करवा माता का व्रत कर सकती हैं। इससे कोई नुकसान नहीं होता है।

कुंवारी लड़कियां निर्जला व्रत कि जगह निराहार व्रत कर सकती हैं क्योंकि वे सरगी खाने के परंपरा नहीं निभाती हैं ऐसे में निर्जला व्रत करने की कोई बाध्यता नहीं रहती है।

अविवाहित लड़कियों के लिए छलनी में चांद देखना आवश्यक नहीं होता है। वे ऐसे ही माता गौरी और भगवान शिव की कथा पढ़कर तारों को देखकर अपने व्रत का पारण कर सकती हैं क्योंकि चांद देखकर व्रत पारण करने की बाध्यता केवल सुहागिन स्त्रियों के लिए ही होती है।

कुंवारी लड़कियों को भी निर्जला व्रत करना होगा

कुंवारी लड़कियों को भी करवाचौथ व्रत का पालन शादीशुदा महिलाओं की तरह करना होता है। उन्हें भी पूरे दिन निर्जला व्रत करना होता है लेकिन पूजा करते समय कुंवारी लड़कियों के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना आवश्यक होता है।

कुंवारी लड़कियों को तारे देखकर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करना चाहिए। चांद देखकर व्रत पारण करने की कोई बाध्यता नहीं है। शास्त्रों में भी कुंवारी लड़कियों को चांद देखकर व्रत पारण करने को नहीं कहा गया है।

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