बुंदेलखंड की सूखी जमीन पर उगाया 35 लाख का केसर

जालौन के एक किसान परिवार ने बुंदेलखंड की सूखी धरा पर करीब डेढ़ कुंतल केसर पैदा किया

जालौन: अगर किसी के मजबूत इरादे हो तो वह कुछ भी कर सकता है, ऐसा ही कोरोना काल में एक गुदड़ी के लाल ने कर दिखाया है। जिसने अपनी मेहनत, परिश्रम के बलबूते पर सूखे बुंदेलखंड की धारा पर 35 लाख रुपये का केसर ( saffron) पैदा करके सभी को आश्चर्य चकित कर दिया है।

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सूखी धरा पर पैदा किया केसर

बता दें कि कोविड 19 महामारी के कारण से पूरे देश में लॉकडाउन है और किसान अपनी फसल की कटाई का काम भी सही तरह से नहीं कर पा रहे है। वैसे भी सूखे बुंदेलखंड के जालौन में मौसम भी किसानों का साथ नहीं देता है और किसानों को काफी नुकसान पहुंचाता है। लेकिन इसके बाबजूद जालौन के एक किसान परिवार ने सूखी जमीन पर केसर ( saffron) की खेती करके सभी को राहत भरी खबर दी है। इस किसान परिवार ने केसर की खेती कर बुंदेलखंड के किसानों के लिए नई आस जगा दी है।

डेढ़ कुंतल केसर की उगाही

जालौन के माधौगढ़ तहसील के सिरसा दोगढी गांव में एक किसान परिवार ने अपनी दो बीघा जमीन में केसर (saffron) की खेती की और उसने करीब डेढ़ कुंतल केसर उगाही। केसर की खेती के जानकार की माने तो बाजार में इसकी कीमत करीब 35 लाख रुपए है। इससे किसान को बड़ा फायदा होने की उम्मीद की जा रही है।

बुंदेलखंड के जालौन में ऐसा चमत्कार देखकर किसान और खेती के जानकार भी हैरान हैं, क्योंकि केसर ( saffron) की खेती कश्मीर में होती है। लेकिन केसर की खेती बुंदेलखंड की मिट्टी में भी हो सकती ये सोचकर जनपद के किसान बेहद उत्साहित हैं और उन्हें ऐसा लगने लगा है कि शायद उनको भगवान ने संजीवनी प्रदान की है। जिससे वह अपनी परेशानियों और कर्ज को आसानी से चुका सकते हैं।

केसर की खेती कर सबको चौकाया

किसान के इस सफल प्रयास पर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि किसान ने केसर की खेती करके सबको चकित कर दिया है। इस परिवार ने बुंदेलखंड के किसानी की आन बान शान को बढ़ाया है, हमें ऐसे किसान पर गर्व है। हम सरकार से मांग करते है कि अगर बुंदेलखंड में किसानों की हालत को सुधारना है, ऐसे लोगों को बीज और बाजार उपलब्ध कराना चाहिए। जिससे बुंदेलखंड का किसान वो करके दिखाएगा जो दुनिया देखेगी।

किसान सुंदर सिंह का कहना है कि केसर ( saffron) को ऑर्गैनिक तरीके से उगाया गया है। इसमें गोबर की खाद डाली गई है। केसर की बिक्री से पहले दिल्ली की स्टैंडर्ड एनालिटिकल लैबोरेटरी में इसकी गुणवत्ता की जांच होनी बाकी है।

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(रिपोर्ट- अनुज कौशिक, जालौन)

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