यूपी के दो कुराश खिलाड़ी थाईलैंड में खेलेंगे एशिया चैंपियनशिप

मेरठ — खिलाड़ियों की बात करें या फिर खेल के सामान की बात तो मेरठ का नाम ही जहन में आता है । मेरठ के बल्लो ने और मेरठ के खिलाड़ियों ने पूरे विश्व में मेरठ के साथ-साथ देश का नाम भी रोशन किया है ।

अब मेरठ के दो जूनियर खिलाड़ी कुराश में नेशनल जीतने के बाद थाईलैंड में होने वाली एशिया चैंपियनशिप में खेलकर मेरठ का गौरव बढ़ाने जा रहे हैं।

दरअसल इंडिया से 30 और यूपी से दो खिलाड़ियों का चयन थाईलैंड में होने वाली एशिया कुराश चैंपियनशिप में हुआ है। मेरठ के सीजे डीएवी स्कूल 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र पर गौतम और छात्रा त्रिशला अधाना कुराश में नेशनल गोल्ड मेडल तक मेरठ और अपने स्कूल की झोली में डाल चुके हैं और अब दोनों ही खिलाड़ी 17 तारीख से 21 तारीख तक चलने वाली कुराश एशिया चैंपियनशिप में थाईलैंड खेलने जाएंगे जहां पर दोनों ही खिलाड़ी अपने देश की झोली में गोल्ड मेडल डालने की बात कर रहे हैं।

बता दें कि त्रिशला अधाना कक्षा 8 से इस गेम में खेल रही है उनको उसके परिवार के साथ साथ स्कूल भी काफी सपोर्ट करता है। स्कूल में अलग से कोच की व्यवस्था भी की गई है जो इनको प्रैक्टिस कराते हैं । वहीं पढ़ाई में भी टीचर उनको काफी सपोर्ट करते हैं । त्रिशला के पिता एक शुगर मिल में मैनेजर है तो उनकी माता गृहणी है और एक बड़ा भाई है जो ग्रेजुएशन कर रहा है। हाल ही में पिछले महीने भोपाल में हुए नेशनल कुराश चैंपियनशिप में त्रिशला ने गोल्ड मेडल जीता था और स्कूल से लेकर नेशनल तक अब तक कुल 8 गोल्ड मेडल त्रिशला जीत चुकी है।

वहीं अगर पर्व गौतम की बात करें तो पर्व के पिता रेडीमेड गारमेंट का काम करते हैं और उनकी माता हाउसवाइफ है जबकि दो छोटे भाई बहन पढ़ाई कर रहे हैं । गौतम भी अपने स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ कुराश की प्रैक्टिस करते हैं जिसमें उनको उनके टीचर के साथ-साथ कोच भी काफी सपोर्ट करते हैं। गौतम अब तक 12 गोल्ड मेडल जीत चुके हैं और पिछले महीने हुई भोपाल में नेशनल क्रश प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है और अब दोनों ही खिलाड़ी 17 से लेकर 21 तारीख तक चलने वाली कुराश एशिया चैंपियनशिप में भाग लेंगे और प्रतिद्वंदी खिलाड़ी को चित कर अपने देश का गौरव बढ़ाएंगे।

स्कूल की प्रिंसिपल अल्पना शर्मा स्कूल के सभी खिलाड़ियों को पूरी सपोर्ट करती हैं । पढ़ाई से लेकर खेल तक मे उनकी मदद करती हैं। अगर किसी खिलाड़ी को आर्थिक रूप से किसी प्रतियोगिता में भाग लेने की दिक्कत आती है तो वो उनको पूरी मदद करती हैं।

(रिपोर्ट-प्रदीप शर्मा,मेरठ)

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