न्यूज डेस्क– सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि बायर्स का हित सबसे पहले है। कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर कंपनी से कहा है कि वह गुरुवार को इस बात से अवगत कराए कि उसके कौन से प्रॉजेक्ट किस स्थिति में हैं।
बायर्स की ओर से पेश ऐडवोकेट एम. एल. लाहोटी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक अन्य बिल्डर की ओर से प्रस्ताव दिया गया कि 42 हजार फ्लैटों में से 31 हजार फ्लैट्स वह तैयार कर सकता है और इसके लिए 30 से 40 महीने लगेंगे। हालांकि, बायर्स की ओर से दलील दी गई कि प्रॉजेक्ट पहले ही काफी लेट हो चुके हैं। ऐसे में अब और देरी मंजूर नहीं है। साथ ही, कहा कि बायर्स के 4 हजार 750 करोड़ रुपये लगे हुए हैं।
वहीं, कोर्ट को बताया गया कि नोएडा अथॉरिटी और बैंक के 13 हजार करोड़ बकाया हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें फ्लैट खरीददार के हित को देखना है। कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर से कहा है कि वह बताए कि 12 में से किन-किन प्रॉजेक्ट्स का काम काफी हो चुका है और कौन से प्रॉजेक्ट किस स्टेज में हैं।
इस दौरान आम्रपाली बिल्डर के वकील ने कहा कि फ्लैट तैयार किए जा रहा हैं और 7 टावर बनकर तैयार होने वाले हैं। तब कोर्ट ने कहा कि वह तमाम प्रॉजेक्ट के फ्लैट की स्थिति के बारे में ब्यौरा पेश करें। इसके लिए गुरुवार तक का वक्त दिया गया। तब बिल्डर कंपनी की ओर से कहा गया कि इसके लिए कुछ और वक्त दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने कहा कि ब्यौरा कल(गुरुवार) तक पेश किया जाए।