तंग गलियों से निकलकर चौड़ी गलियों में आया सट्टा

मैनपुरी– नगर में सट्टे का खेल अब तंग गलियो से निकलकर चौड़ी गलियो में आ गया है। शाम होते ही नगर की कई गलियो में सटोरियें सट्टे के नंवर लिखते हुए देखे जा सकते है। शाम होते ही नगर की ज्यादातर गली सटोरियो से गुलजार हो जाती है। सट्टे में एक रूपया लगाकर नव्वे रूपए मिलने की चाहत में नगर के ज्यादातर घर वर्वाद हो चुके है। अब तो पुलिस भी इस सट्टे के खेल से तंग आ चुकी है। शायद इसीलिए सट्टे पर कोई बड़ी कार्रबाई नही हुई है।

यह भी पढ़ें-भारत सरकार ने दिल्ली-NCR में आवागमन के लिए बनाई खास रणनीति

बताते चले कि नगर में सट्टे का खेल मौहल्ला कानूनगोयान, सुजरई, महाजनान, कुवंरपुर, सराय, नगला चैनी, पठानान, गल्लामंडी दिवरई गेट के पास, घिरोर तिराहे के पास वड़े पैमाने पर चलता है। इन मौहल्लों में शाम होते ही सटोरिए घूमते हुए देखे जा सकते है। जो सट्टे के नंवर खुलेआम लिखकर पुलिस को चुनौती देते हुए नजर आ रहे है।

मजूदर वर्ग ही लिप्त है सट्टे में-

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए किए लॉकडाउन में जहां जिला प्रशासन से लेकर हर समाजसेवी मजदूर वर्ग के लोगो की मदद के लिए तैयार खड़ा हुआ है। लेकिन नगर में बुरी तरह पनप रहे सट्टे के खेल में सबसे ज्यादा वर्वाद मजदूर वर्ग ही है। जो सुवह से शाम तक मेहनत मजदूरी करके जो कमाता है वह रुपए यह सोचकर लगा देता है। कि सुवह उसे एक रुपए के नव्वे मिलेगे। अगले दिन सुवह वह सोकर उठता है और नंवर पता करता है कि आज क्या नंवर आया है पता करते ही मारे खुशी पूरे घर में उछलने लगता है कि आज उसे 10 रुपए का नंवर मिल गया। फिर रुपए लेने जाता है। 10 रुपए के 900 रुपए लेकर भी आता है। मारे खुशी के पहले तो यार दोस्तो के साथ पार्टी होती है। कुछ वचता है तो घर का सामान ले आता है।

शाम होते फिर नंवर लिखने वाले के पास जाता है और जो रुपए वचे उसके नंवर लगा देता है। यह सोचकर कल उसे फिर रुपए मिल जाएगे। लेकिन अगले दिन कुछ भी नही मिलता है। जो नंवर लगाए। वह खाली निकल गए। फिर वहीं मजदूरी करना शाम को नंवर लगाना रोज नंवर खाली निकल जाना। मजदूरी नही मिलने पर घर के वर्तन बेचकर नंवर लगाना। लेकिन कुछ भी नही मिलना। नंवर लगाने से मना करने पर पत्नी और वच्चो की मारपीट करना। इसी के चलते इस सट्टे में कई घर वर्वाद हो चुके है।

मौहल्ला फर्दखाना और घरनाजपुर केन्द्र बिंदु-

नगर में तेजी से पनपने वाले सट्टे के खेल की लाईन के तार तो पूरे नगर में लगे हुए है। लेकिन इन तारो में सफ्लाई की ऊर्जा कस्वा के मौहल्ला फर्दखाना, घरनाजपुर, भीमनगर से ही मिल रही है। इन मौहल्लो में सट्टा किंग बैठकर पूरे खेल पर निगाह बनाए हुए है।

centre pointnarrowstreetswideमौहल्ला फर्दखाना और घरनाजपुर
Comments (0)
Add Comment