‘माध्यमिक शिक्षा में हुए क्रान्तिकारी बदलावों ने बदली यूपी की पहचान’-दिनेश शर्मा

लखनऊ–उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग की कमान संभाल रहे डा दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाकर यूपी की शिक्षा व्यवस्था को देश और दुनिया में विशिष्ट स्थान दिलाने का प्रयास किया गया है।

आज उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में लाए गए बदलाव देश और दुनिया में चर्चा का विषय बन रहे हैं। दिनेश शर्मा ने आज यहां अपने कार्यालय कक्ष में यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकार को खस्ताहाल शिक्षा व्यवस्था विरासत में मिली थी, पर हमने विरासत में मिली जर्जर व्यवस्था को  देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में समग्रता में सुधारने का निश्चय किया।

हमारा लक्ष्य शिक्षा व्यवस्था को नए स्वरूप में गढने का था, जिससे कि भारत को फिर से  विश्व गुरु बनाने के सपने को साकार किया जा सके। शिक्षा व्यवस्था में समग्र सुधार के लिए चार लक्ष्य निर्धारित किए गए। जिनमें सुखी मन शिक्षक,  तनावमुक्त विद्यार्थी, गुणवत्तापरक  शिक्षा तथा नकल विहीन परीक्षा शामिल है। इन आधारभूत मंत्रों पर पिछले ढाई वर्ष से अधिक समय के दौरान हुए कार्यों ने उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन ला दिया है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया के सपने को साकार करने की मजबूत नींव रख दी है। शिक्षार्थियों को ज्ञानवान बनाने के साथ ही हुनरमंद बनाने का भी  इंतजाम किया है। सरकार बेरोजगारों की फौज नहीं बल्कि युवाओं को काबिल और हुनरमंद बनाने की ओर बढ़ चली है। उन्होंने बताया कि बदलावों के लिए तकनीक का उपयोग किया गया है। जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। सरकार ने प्रयागराज बोर्ड के परीक्षा केन्द्र निर्धारण, मान्यता, पंजीकरण तथा डुप्लीकेट अंक पत्र आदि कार्यों  में सुधार के लिए आनलाइन व्यवस्थाए लागू की हैं।

Revolutionary changes
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