रावर्ट्सगंज लोकसभा का सांसद होगा मिर्जापुर जिले का निवासी

सोनभद्र — प्रदेश की आखिरी लोकसभा सीट रावर्ट्सगंज सुरक्षित (80) पर जीत हासिल करने वाला सांसद मिर्जापुर जिले का ही होगा क्योकि कांग्रेस , सपा-बसपा गठबंधन और भाजपा गठबंधन के तीनों प्रत्याशी एक ही जिला मिर्जापुर के रहने वाले है।

रावर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर 1999  के बाद कोई भी स्थानीय प्रत्याशी जीत हासिल नही कर सका है। इसका फैसला 19 मई को होने वाले मतदान के बाद जिसका निर्णय 23 मई को आएगा के बाद ही स्पष्ट होगा। 

बता दें कि रावर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र की सीमाएं चार नक्सल प्रभावित राज्यो से लगती है यहां सर्वाधिक संख्या में अनुसूचित जनजाति के लोग निवास करते है। इस क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल है जिनमे चन्दौली जिला की चकिया विधानसभा सहित सोनभद्र की 4 विधानसभा शामिल है। 2019 के  लोकसभा सामान्य निर्वाचन में कुल 16 लाख 92 हजार 508 मतदाता है जिसमे 9 लाख 11 हजार 331 पुरुष और 7 लाख 81 हजार 132 महिला मतदाता है जो सातवें चरण में 19 मई को 1259 मतदान केंद्रों के 1895 मतदेय स्थलों पर अपने मतों का प्रयोग करेंगे। सातंवे चरण के लिए 19 मई को होने वाले मतदान के लिए प्रशासन ने सुरक्षा की पूरी तैयारी कर लिया है। 22 अप्रैल से 29 अप्रैल तक हुए नामांकन में कुल 24 प्रत्यासियो ने नामांकन किया जिनमे 4 महिला प्रत्यासी भी चुनावी समर में पुरुष प्रत्याशियो से दो-दो हाथ करने को तैयार है। 

रावर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र से जीतने वाला सांसद मिर्जापुर जिले का होगा आइए जानते है कौन है ऐसे प्रत्याशी कौन है

कांग्रेस – भगवती प्रसाद चौधरी निवासी पुरुषोत्तम निवास पुरुषोत्तम दस मार्ग  सबरी चुंगी मिर्जापुर के है। यह कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन भी है।  भगवती चौधरी 1985 में छानबे से विधायक रहे और दो बार मिर्जापुर के  जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके है। वर्ष 2014 में रावर्ट्सगंज लोकसभा सीट से चुनाव लड़े पर मोदी लहर में हार का सामना करना पड़ा। फिलहाल भगवती चौधरी पेशे से अधिवक्ता है। 

 भाजपा – अपना दल व निषाद पार्टी – पकौड़ी लाल कोल 

निवासी पटेहरा जिला मिर्जापुर। पकौड़ी लाल 1994 में मिर्जापुर – रावर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया से चुनाव लड़े लेकिन हार गए।उसके बाद कई बार किस्मत अजमाई पर 2002 में छानबे विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने। लेकिन 2004 में-रावर्ट्सगंज लोकसभा सीट से सपा का दामन थाम कर चुनाव लड़े पर असफल रहे । 2007 के लोकसभा उप चुनाव में भाईलाल कोल से हार गए। 2009 में पकौड़ी लाल कोल फिर समाजवादी पार्टी के टिकट पर किस्मत आजमाया और संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज कराया। 2014 में समाजवादी पार्टी ने पकौड़ी लाल कोल पर विश्वास जताते हुए चुनाव मैदान में उतारा लेकिन मोदी लहर में वह भाजपा के  छोटेलाल खरवार से  चुनाव हार गए। 

सपा-बसपा व रालोद गठबन्धन – भाईलाल कोल 

यह पचोखरा उसरी खम्हरिया जिला मिर्जापुर के निवासी है ।भाईलाल कोल 1979 से 1989 तक ग्राम प्रधान रहे। 1996 में भाजपा छानबे विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। मिर्जापुर – रावर्ट्सगंज लोकसभा के 2007 में हुए उप चुनाव बसपा से चुनाव लड़े और सांसद बने । इसके बाद दल बदलते हुए 2012 साइकिल की सवारी करते हुए विधानसभा पहुचे 2017 के विधानसभा चुनाव पकौड़ी लाल कोल के बेटे राहुल कोल अपना दल से चुनाव हार गए। भाईलाल कोल एक ऐसे प्रत्यासी है जो पिता – पुत्र दोनो के खिलाफ चुनाव लड़ चुके है। 

इन प्रमुख दलों ने रावर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बना कर चुनावी समर में उतारा है इन तीनो प्रत्याशियों में सबसे खास बात यह है कि इनका निवास जिला मिर्जापुर ही है। ऐसे में इन प्रमुख दलों में से कोई जीत दर्ज करता है तो वह मिर्जापुर जिले का निवासी होगा जो सोनभद्र का प्रतिनिधित्व करेगा।

(रिपोर्ट-रविदेव पाण्डेय,सोनभद्र)

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