शहीद भी बंट गए जातियों में, अनुग्रह राशि में हो रहा भेदभाव

प्रसपा के प्रदेश सचिव विनोद पांडेय ने सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप...

सरकार जातिवाद खत्म करने के लिए गाड़ियों पर जातिसूचक शब्द लिखवाने पर सीज करने का फरमान जारी कर चुकी है लेकिन शहीदों की शहादत पर सरकार और विपक्ष राजनीत पर उतर आए।

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प्रसपा ने लगाए आरोप

वहीं शिवपाल यादव की प्रसपा के प्रदेश सचिव विनोद पांडेय ने आरोप लगाया कि सुधाकर सिंह को शहीद का दर्जा सरकार ने देते हुए 50 हजार की सहायता और एक नौकरी के साथ ही स्कूल का नाम और एक सड़क का नाम शहीद के नाम करने के साथ अंतिम संस्कार के दौरान पहुचे मंत्री महेंद्र सिंह ने परिजनों की मांग पर गांव का नाम शहीद के नाम करने का अस्वासन दिया।

शहीदों के साथ भेदभाव…

लेकिन दूसरे शहीद श्यामलाल यादव के दरवाजे पर न तो कोई उच्चाधिकारी पहुचा और न ही सरकार का कोई मंत्री और न ही शहीद का दर्जा और न ही अनुग्रह राशि, नौकरी या अन्य कोई मदद दी गई। जो निंदनीय है इससे लगता है कि शहीदों को भी जातियों में बांट दिया गया है।

प्रसपा नेता शिवपाल यादव ने एक लाख की राशि परिजनों को पार्टी फंड से देने की घोषणा की है। इस परिवार में सिर्फ श्यामलाल ही कमाने वाला इकलौता था जिसके चलते परिवार पर रोजीरोटी पर संकट खड़ा हो गया।

4 जनवरी को दो जवान हुई थे शहीद…

बता दें कि चाइना बॉर्डर पर बीती 4 जनवरी को असम इलाके में तैनात प्रतापगढ़ के जेठवारा इलाके श्यामलाल यादव सूबेदार के पद पर तैनात और नगर इलाके के सुधाकर सिंह की मौत हो गई थी। दोनों के शव बुधवार को देर शाम उनके घर पहुचे और बृहस्पतिवार को अंतिम संस्कार किया गया। जहां सरकार का भेदभाव खुलकर सामने आ गया। जिस पर अब राजनीति शुरु हो गई है।

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(रिपोर्ट- मनोज त्रिपाठी, प्रतापगढ़)

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