नरोदा पाटिया दंगा: गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी समेत 17 आरोपी बरी

अहमदाबाद — नरोदा पाटिया दंगे के मामले में गुजरात उच्च न्यायालय ने पूर्व मंत्री माया कोडनानी को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया है।उच्च न्यायालय ने कोडनानी समेत 17 लोगों को बरी कर दिया है।

उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा कि माया कोडनानी की वारदात वाली जगह पर मौजूदगी साबित नहीं हुई है। हालांकि बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को दोषी करार देते हुए उच्च न्यायालय ने 21 साल जेल की सजा सुनाई है। इससे पहले निचली अदालत ने बजरंगी को मौत तक जेल में रहने की सजा दी थी। इस तरह इस फैसले से बाबू बजरंगी को भी थोड़ी राहत मिली है।

अदालत ने 12 आरोपियों की सजा को बरकरार रखा है। इन सभी को 21 साल जेल की सजा सुनाई गई है। 2 अन्य लोगों पर फैसला आना अभी बाकी है, जबकि एक आरोपी की मौत हो चुकी है। उच्च न्यायालय ने दंगा पीड़ितों की मुआवजे की मांग को भी खारिज कर दिया है।

गुजरात में 2007 से 2009 के दौरान महिला एवं बाल कल्याण राज्य मंत्री रहीं माया कोननानी को नरोदा पाटिया मामले में गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। कोडनानी पर आरोप था कि उन्होंने दंगाइयों को मुस्लिम बस्तियों में हमले के लिए अपने भाषण के जरिए उकसाया था। नरोदा गाम दंगा के मामले में भी कोडनानी आरोपी हैं। यह दंगा भी उसी दिन हुआ था, जब नरोदा पाटिया में हिंसा हुई थी। इसमें मुस्लिम समुदाय के 11 लोगों की मौत हो गई थी। 

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