कतर्निया वन्यक्षेत्र में अब नही दौड़ेगी ट्रेन, यात्रियों पर बढ़ेगा बोझ

बहराइच– उच्च न्यायालय ने वन विभाग द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए रेलवे को गोंडा-मैलानी प्रखंड के कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र में ट्रेन का संचालन बंद करने का आदेश जारी कर दिया है।

ट्रेन का संचालन बंद करने के आदेश के बाद रेलवे दूसरी व्यवस्थाओं को करने में जुट गया है। हालांकि ट्रेनें बंद होने से वन्यजीवों की सुरक्षा बढ़ेगी। मगर क्षेत्र की करीब दस लाख की आबादी को डग्गामार बसों और वाहनों से ही सफर करने को मजबूर होना पड़ेगा। टाईगर रिजर्व क्षेत्र में करीब 80 किलोमीटर रेल लाइन बिछी हुई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद क्षेत्र की जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। रेलवे भी अभी तक कोई तैयारी नहीं कर सका है।

बहराइच जिले में स्थित कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग का दायरा 553 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। कतर्नियाघाट में वन्यजीवों की लगातार घटती संख्या और जंगल में मानव हस्तक्षेप बढ़ने के बाद सरकार ने कतर्नियाघाट को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर दिया था। संरक्षित वन क्षेत्र से होकर रेल लाइन भी गुजरती है। जिसके चलते आए दिन वन्यजीवों की मौत हो जाया करती थी। जिले में करीब 80 किलोमीटर रेल लाइन संरक्षित वन क्षेत्र में बिछी हुई है।

वन विभाग की ओर से वन्यजीवों की सुरक्षा को देखते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी गई थी। याचिका की सुनवाई के बाद वर्ष 2014-15 में हाईकोर्ट ने टाईगर रिजर्व क्षेत्र में ट्रेनों का संचालन बंद किए जाने के आदेश रेलवे को दिए थे। रेलवे ने शपथ पत्र देकर समय की मांग की थी। मगर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। अवमानना नोटिस जारी कर रेलवे को पुन: तलब किया गया। जिस पर रेलवे ने अब ट्रेनों को बंद किए जाने की घोषणा कर दी है। हालांकि अभी तक रेलवे द्वारा तिथि निर्धारित नहीं की गई है।

ट्रेन संचालन बंद होने से यात्रियों पर बढ़ेगा बोझः

नानपारा से मैलानी के बीच ट्रेन का संचालन रेलवे ने बंद करने की घोषणा कर दी है। ट्रेनें बंद होने के बाद अब यात्रियों को अपनी जेब ढीली करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। सुजौली और बिछिया से यात्रियों को जिला मुख्यालय आने के लिए मात्र 25 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। जबकि बस की यात्रा करने पर 110 रुपये का खर्च आ जाता है। इसी तरह मिहींपुरवा से ट्रेन द्वारा एक यात्री का किराया 15 रुपये है। जबकि बस से यात्रियों को 60 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।

(रिपोर्ट-अनुराग पाठक, बहराइच)

Katarnia forest area
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