डेंगू से बच्ची की मौत पर भी रखा ICU में, थमा दिया 18 लाख का बिल

नई दिल्ली– गुरुग्राम के फोर्टिंस अस्पताल में 7 साल की एक डेंगू से पीड़ित बच्ची के इलाज पर 18 लाख रुपये का खर्च आया लेकिन वह बच न सकी। अस्पताल ने उसके परिजनों को करीब 18 लाख का बिल थमाया जिसमें से करीब 16 लाख 15 दिनों के आईसीयू का खर्च था। 15 दिनों तक फोर्टिस के आईसीयू में रखे जाने के बाद उसे रॉकलैंड हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

बच्ची के पिता ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा है कि बेटी की मौत पहले हो चुकी थी, लेकिन फोर्टिस अस्पताल ने उन्हें धोखे में रखा और मौत के बारे में नहीं बताया। 

सोशल मीडिया पर इस मुद्दे के वायरल होने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने परिवार को भरोसा दिलाया है कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, फोर्टिस अस्पताल ने लापरवाही के आरोपों को खारिज किया है। 

पिता जयंत ने बताया कि बेटी अद्या को 27 अगस्त की रात तेज बुखार आया। उसे 29 अगस्त को द्वारका सेक्टर 12 के रॉकलैंड अस्पताल में भर्ती किया गया। 31 अगस्त को अद्या को डेंगू टाइप 4 होने की बात पता लगी। रॉकलैंड के डॉक्टरों ने सलाह दी कि उसे पीडियाट्रिक आईसीयू वाले अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत है। हम गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल गए और बेटी को तुरंत बेहोशी की दवा देकर वेंटिलेटर पर रख दिया गया। तीन दिन वह बेहोशी में रही। पांचवा दिन हो गया मगर डॉक्टर बात करने को तैयार नहीं थे। 9, 10 और 11 सितंबर की तारीख आ चुकी थी। बेटी डायलिसिस पर थी मगर उसकी स्थिति पर कोई बात करने को राजी नहीं था। 14 सितंबर को बताया गया कि 70 से 80 पर्सेंट ब्रेन डैमेज हो चुका है। रिकवरी हो भी गई तो शरीर सही से काम नहीं करेगा।’ इस पर जयंत की पत्नी से फुल बॉडी प्लाज्मा ट्रांसप्लांट कराने को कहा गया जिसकी कीमत 15-20 लाख बताई गई। हर तरफ से निराश होकर जयंत ने बच्ची को साथ ले जाना चाहा तो उनसे कहा गया कि वह डिसचार्ज अगेंस्ट मेडिकल अडवाइस मांगें और खुद ऐंबुलेंस करवाकर ले जाएं। उन्होंने बेटी को वेंटिलेटर और डायलिसिस से उतार दिया और उसे फीड करना भी बंद कर दिया। 

जयंत बोले, ‘हम बेटी को तुरंत रॉकलैंड अस्पताल ले गए और किसी तरह वहां मनौव्वल करके उसका ईसीजी कराया। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।’ जयंत बताते हैं, बेटी की त्वचा नीली पड़ चुकी थी और वह सिकुड़ चुकी थी। मगर डॉक्टर कह रहे थे, ऐसा होता है। मुझे लगता है मेरी बेटी तभी मर चुकी थी जब वह फोर्टिस के आईसीयू में थी। जयंत अब फोर्टिस पर इस प्रताड़ना के लिए मुकदमा दायर करने की सोच रहे हैं। 

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