2014 में मोदी को अपना चेहरा बनाने के बाद बीजेपी भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर

2014 में मोदी को अपना चेहरा बनाने के बाद बीजेपी भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर सबकी सामने आई हो, लेकिन कांग्रेस कहीं पीछे नहीं। 2014 में हुए चुनाव में भी कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी, बीजेपी ने जहां 33 प्रतिशत वोट हालिस किए, वहीं कांग्रेस 19 प्रतिशत वोट अपने नाम किए थे और सत्ता में विपक्ष की भूमिका निभा रही है. फिलहाल, कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। ऐसे में मोदी का 2019 के चुनाव में राहुल गांधी से सीधा मुकाबला होने वाला है

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2019 चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी की टक्कर आगामी विधानसभा चुनावों में भी साफ देखने को मिलेगी। जैसे- गुजरात, मध्यप्रदेश में 2019 लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव होने वाले हैं ऐसे में यह दोनों पार्टियां अपने को एक बार फिर मैदान में मजबूत करके को लेकर उतरेगी और इसी के साथ यह तय करेंगी की कि क्या 2019 के चुनाव में उनकी दावेदारी मजबूत है या नहीं.

आम आदमी पार्टी रिसर्च सेल के हेड अर्जुन जोशी ने कहा कि रिसर्च सेल की शुरुआत दो महीने की इंटर्नशिप के साथ शुरू हुई थी, लेकिन अब इसे स्थायी बॉडी का रूप दे दिया गया है. इसमें 26 साल से कम उम्र के 30 सदस्य हैं, जिसमें इतिहास, राजनीति शास्त्र, गणित और इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स भी शामिल हैं. ये सभी लोग पुख्ता आंकड़े और तथ्य इकट्ठा करते हैं, ताकि इस बात को साबित किया जा सके कि मोदी सरकार फिसलती जा रही है.

आप और कांग्रेस की रिसर्च टीमें विभिन्न विभागों में आरटीआई डालकर सूचना जुटा रही हैं, ताकि प्रमाणित जानकारियों के आधार पर तथ्य इकट्ठा किए जा सके. आरटीआई में मिले डाटा को बीजेपी नेताओं और मंत्रियों के बयान और दावे से मिलाकर आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया पर पुश किया जा रहा है.

कांग्रेस के गौड़ा ने कहा कि कई बार शशि थरूर और मणिशंकर अय्यर जैसे नेता हमारे डाटा बैंक का उपयोग संपादकीय और लेख लिखने के लिए करते हैं. कई सारे वरिष्ठ नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले फैक्ट और आंकड़े के लिए भी डाटा बैंक की मदद लेते हैं. उन्होंने कहा कि हम अब राज्य स्तरीय टीमों का गठन कर रहे हैं, जिसकी शुरुआत राजस्थान और हैदराबाद से हो रही है. हैदराबाद की टीम तेलंगाना और आंध्र प्रदेश का जिम्मा लेगी.

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