अंधविश्वास ! कोरोना को भगाने के लिए घरों के बाहर जलाए जा रहे दीपक

corona से लड़ने के लिए सरकार के निर्देशों का पालन करने के बजाय लोग अंधविश्वास का सहारा ले रहे हैं।

वाराणसीः एक ओर जहां कोरोना वायरस (corona) की महामारी से पूरी दुनिया जंग लड़ रही है। वहीं कोरोना के खतरे से निपटने के लिए भारत सरकार कड़े कदम उठा रही है अधिकतर शहरों में लॉकडाउन कर दिया गया। संकट की इस घड़ी में लोगों की सांसें थमी हुई हैं। बावजूद इसके लोग सरकार के निर्देशों का पालन करने के बजाय लोग अंधविश्वास (blind faith) का सहारा ले रहे हैं।

घरों के बाहर जलाए जा रहे हैं दीये

दरअसल भारत में कोरोना (corona) अभी सेकेंड स्टेज पर है। लेकिन जब ये थर्ड स्टेज में पहुंचेगा तो महामारी का शक्ल ले लेगा। डॉक्टरों और सरकार की भी असल चिंता यही है। लेकिन आम लोग अब भी बेफिक्र है। तभी तो लोग सरकार के आदेशों को मनाने के बजाय अपने स्तर से इससे लड़ने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं पूर्वान्चल के कई शहरों में लोग अपने घरों के बाहर शाम के वक्त दीपक जला रहे हैं। यह प्रयास है की घर में बच्चे सुरक्षित रहे। इसके लिए घरों में मिट्टी के दीए बच्चों के नाम पर चलाए जा रहे हैं। मिट्टी के दीए जलाने से लोगों को लगता है कि कोरोना वायरस से बच्चे बच जाएंगे।

ये भी पढ़ें..भारत में तेजी से बढ़ रही है मरीजों की संख्या, आकड़ा पहुंचा 511, अब तक 10 की मौत

बाजार से गायब हुए दीये

अंधविश्वास का आलम ये हैं कि मार्केट में अब मिट्टी के दिए खत्म होने लगे हैं। लोगों को दीये खरीदने के लिए अधिक पैसे चुकाने पड़ रहे हैं। दीये जलाने की ये ट्रेंड ग्रामीण इलाके में अधिक देखने को मिल रहा है। शाम ढलते ही महिलाएं घरों के बाहर दीपक जला रही हैं। महिलाओं का तर्क है कि ऐसा करने से परिवार कर बच्चे सुरक्षित रहेंगे।

मंत्र से कोरोना भगाने का दावा

कोरोना से लड़ने के बजाय अंधविश्वास (blind faith) का सहारा लेने की ये कहानी अकेली नहीं है। इनके पहले वाराणसी के लंका इलाके में एक ज्योतिषी ने तंत्र मंत्र के जरिये कोरोना खत्म करने का दावा किया था। यहीं नहीं उसने तो बाकायदा पर्चे भी छपवाए थे। सूचना मिलने पर पुलिस ने ज्योतिषी को हिरासत में ले लिया था।

ये भी पढ़ें..अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड को बना रखा था बीयर बार, जांच के आदेश

blind faithCoronaindiaLampvaranasi
Comments (0)
Add Comment