पुलिस अधिकारी बने दिव्यांग ने संभाला पीजीआई कोतवाली का प्रभार !

लखनऊ –उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को पीजीआई कोतवाली में एक अलग ही नज़ारा था। हर तरफ साज सज़्ज़ा और सफाई के साथ सभी आगुन्तकों के लिए चाय व नाश्ते की भी उचित व्यवस्था थी । एक बेहद खास पुलिस अधिकारी की तैनाती सबकी प्रसन्नता और जिज्ञासा का विषय था ।

आज एक दिव्यांग किंतु बेहद प्रतिभाशाली छात्र व खिलाड़ी को पीजीआई थाने का प्रभारी बनाया गया था । डॉक्टर रजनीश कुमार सिंह गैस्ट्रो सर्जरी विभाग पीजीआई में प्रोफेसर है । वहीं इनकी पत्नी डॉक्टर भावना सिंह गाइक्नोलॉजिस्ट है,और सीजीएचएस में कार्यरत हैं , बेटा साहिल सिंह मानसिक रूप से कमजोर है।

वहीं डॉक्टर रजनीश सिंह ने बताया कि साहिल टेलीविजन चैनलों पर पुलिस को देखकर पुलिस मैन बनने की जिद करता रहता था ,लेकिन हमें मालूम था कि उसकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकती।इसी कारण साहिल सिंह के इक्कीसवें जन्मदिन पर उसकी इच्छा पूरी करने के लिए पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर राकेश कपूर की मदद से उच्चाधिकारियों से बात की गई। जिसे पुलिस अधीक्षक लखनऊ ने सहर्ष स्वीकार कर साहिल को एक दिन के लिए दरोगा बनाने की अनुमति दे दी।

प्रभारी निरीक्षक के कार्यालय में बैठकर की मीटिंग-

साहिल ने पीजीआई कोतवाली में थानेदार की कुर्सी पर बैठ सभी वहाँ मौजूद सब इंस्पेक्टर की मीटिंग की, उनसे जानकारी मांगी,और अपनी तरफ से सुझाव दिए, इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय, साहिल सिंह को बीच बीच में पुलिस के तौर तरीकों के बारे में समझाते रहे।

कार्यालय का किया निरीक्षण-

साहिल ने कोतवाली कार्यालय का निरीक्षण किया, और वहाँ की कार्य प्रणाली के बारे में जानने की कोशिश की, उसका जोर इस बात था कि यह  एफआईआर क्या है, जिसे निरीक्षक अरुण कुमार राय ने बड़ी तसल्ली से समझाया।वहीं तहरीर लेकर आए लोगों से उनकी समस्याओं को समझा उसे तुरंत निपटाने का आदेश दिया।

गश्त के लिए निकले, यातायात व्यवस्था भी देखी-

पुलिस कर्मियों के साथ गश्त पर निकले साहिल सिंह ने लोंगो से यातायात नियमों के पालन करने को कहा,सड़क पर गाड़ी खड़ी कर दुकान से सामान खरीदने वालों को ऐसा न करने की नसीहत दी वहीं बिना टोपी पहने ड्यूटी कर रहे पुलिस वालों को टोपी पहनने को कहा । वहीं पीजीआई अस्पताल पहुंच कर निदेशक प्रो राकेश कपूर से उनके कार्यालय में मुलाकात की, इस दौरान साहिल के चेहरे पर खुशी देखने लायक थी।

मानसिक रूप से है दिव्यांग ,शरीर से है फिट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैराकी में जीता है सिल्वर मेडल-

दरअसल साहिल के पिता डॉक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि यह मानसिक कमजोर है, लेकिन शरीर से फिट है 2013 में स्पेशल बच्चों के आस्ट्रेलिया में हुए तैराकी में 50 मीटर इवेंट में सिल्वर मेडल जीता था। वहीं लखनऊ मैनेजमेंट एशोसिएशन ने साहिल को गोल्ड मेडल प्रदान किया था । इस समय शाहिल अपने ही स्कूल “स्टडी हाल “में सहायक अध्यापक का कार्य कर रहा है।

पुलिस विभाग की इस सहृदयता के लिये डॉ रजनीश कुमार सिंह ने, एसएसपी दीपक कुमार, पीजीआई कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार राय,एसआई सतीश कुमार सिंह सहित पूरे स्टाफ का आभार जताया, जिनके प्रयास से साहिल के इक्कीसवें जन्मदिन पर उसकी दारोगा बनने की इच्छा पूरी हो सकी।

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