न्यूज डेस्क — 200 साल पुराने युद्ध को लेकर महाराष्ट्र के कोरेगांव में भड़की जातीय हिंसा की आग मुंबई समेत राज्य के कई शहरों को अपनी चपेट में ले लिया है।जहां दलित प्रदर्शनकारियों ने कई बसों को क्षतिग्रस्त किया और सड़क तथा रेल यातायात को बाधित किया।
वहीं इस हिंसा की भेंट स्कूल की 40 हजार बसें भी चढ़ गई इसके अलावा इसका असर डिब्बा सर्विस पर भी पड़ा।बता दें कि भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के दौरान कल पुणे में दलित समूहों और दक्षिणपंथी हिन्दू संगठनों के बीच संघर्ष हो गया था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।इस हिंसा की आग की लपटे बुधवार को भी राज्य के दैनिक जीवन पर देखने को मिली।
बुधवार को जहां कई गुटों ने महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया है। वहीं मुंबई के मशहूर डब्बावालों ने भी अपनी सर्विस को ठप्प रखने का फैसला लिया है। उन्होंने अपने ग्राहकों से खुद अपना टिफिन लाने को कहा है। इसके अलावा महाराष्ट्र बंद के कारण स्कूल बसों की सर्विस भी बंद कर दी गई ।इस दौरान मुंबई में करीब 40,000 स्कूल बस बंद रहेंगी। वहीं स्कूलों ने अभिभावकों से अपने वाहन से ही बच्चों को स्कूल छोड़ने को कहा है।
यह है पूरा मामला……
दरअसल, यह पूरा विवाद 1 जनवरी 1818 के दिन हुए उस युद्ध को लेकर है, जो अंग्रेजों और पेशवा बाजीराव द्वितीय के बीच कोरेगांव भीमा में लड़ा गया था। इस युद्ध में अंग्रेजों ने पेशवा को शिकस्त दे दी थी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ईस्ट इंडिया कंपनी की फौज में बड़ी संख्या में दलित भी शामिल थे। अब इस युद्ध में अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए ही पुणे में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिस पर बवाल हो गया। दलित और मराठा समुदाय के लोग सड़क पर आ गए।