किसानों से 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदेगी यूपी सरकार, ओला-ऊबर की तरह मिलेंगे ट्रैक्टर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के किसानों से 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं (wheat) खरीदेगी। इससे पहले कटाई के लिए किसानों को ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, कृषि उपकरण के मूवमेंट के लिए भी छूट दे दी गई है। किसान अपना अनाज मंडियों में बेच सकते हैं और जिले में गमछा ओढ़कर, मास्क लगाकार, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके कहीं भी आ-जा सकते हैं। यह कहना है प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का।

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उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की परेशानियों से उबारने के लिए किसानों और खेतिहर मजदूरों को किसानी के लिए 28 मार्च को ही छूट दे दी गई। फिर चार अप्रैल को ट्रैक्टर, हारवेस्टर, कृषि उपकरण के मूवमेंट को भी छूट दे दी गई है।

किसानों को प्रदेश से बाहर अपना उत्पाद (wheat) या उपकरण ले जाने के लिए सरकार से अनुमति लेनी पड़ेगी। दूसरे राज्यों से हारवेस्टर आदि लाने के लिए उस राज्य के संबंधित जिले के डीएम से अनुमति लेकर उत्तर प्रदेश के किसी भी गांव या क्षेत्र में जा सकते हैं।

हालांकि इस बारे में किसान नेता पुष्पेन्द्र चौधरी का कहना है कि सुनने में सब अच्छा है। व्यवहार में जमीन पर पुलिस कुछ होने नहीं देती।

ओला-ऊबर की तरह मिलेंगे ट्रैक्टर-

शाही ने बताया कि राज्य के 16 जिलों के किसानों को मैसी फर्ग्यूसन, आयशर के ट्रैक्टर ओला-ऊबर की तर्ज पर मिलेंगे। इसके लिए दोनों कंपनियों को उन्होंने अनुमति दे दी है।

किसान फोन से ट्रैक्टर की बुकिंग करा सकेंगे और किसी भी तरह का नुकसान होने की स्थिति में ये कंपनियां उसकी भरपाई करेंगी। दोनों कंपनियों ने किसानों से इन उपकरणों का जून 2020 तक कोई चार्ज न लेने का भी प्रस्ताव दिया है।

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की जरूरत को देखते हुए राज्य में खाद, बीज, कीटनाशक, कृषि उपकरणों को देने वाली दुकानों को भी खोले जाने के निर्देश दे दिए गए हैं। ये दुकानें क्षेत्र में निर्धारित समयानुसार खुलेंगी।

लेकिन इसके लिए मास्क लगाना, गमछा से मुंह ढकना, साफ-सफाई का ध्यान और सामाजिक दूरी बनाए रखने की शर्त शामिल रहेगी। किसान नेता पुष्पेन्द्र चौधरी का कहना है कि किसानों को सबसे बड़ी समस्या अपनी मशीनों, उपकरणों को फिर से चालू करने से पहले उन्हें मिस्त्री से ठीक कराने में आ रही है।

लॉकडाउन के कारण इस तरह की दुकाने बंद हैं। दूसरी तरफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांव मजदूरों से खाली हो गए हैं। सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि अभी प्रदेश में 11-12 प्रतिशत खेतों में रबी फसल की कटाई हुई है, लेकिन राज्य सरकार ने 1925 रुपए प्रति कुंतल समर्थन मूल्य के आधार पर 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं (wheat) की खरीददारी का निर्णय लिया है। इसके लिए 5500 खरीद केन्द्र बनाए गए हैं। 10 संस्थाओं के जरिए यह खरीद होगी।

किसानों को अपना अनाज (wheat) बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। अभी तक लगभग 20 हजार किसान पंजीकरण करा चुके हैं। उन्होंने बताया कि 4425 रुपए प्रति कुंतल के समर्थन मूल्य से 2.64 लाख मीट्रिक टन सरसों, 1.21 लाख मीट्रिक टन मसूर समेत अन्य अनाजों की खरीद का निर्णय लिया गया है।

कृषि मंत्री ने कहा कि खेती-खलिहानी गांव और देश के अर्थ व्यवस्था की रीढ़ है। इसलिए राज्य सरकार और केन्द्र सरकार इसे लेकर बेहद संवेदनशील हैं। इसी क्रम में 1.7485 करोड़ किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि का 3300 करोड़ रुपया भी स्थानांतरित कर दिया गया गया है।

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