“यूपी समाचार” स्पेशल :खुद घायल होने के बावजूद करनबीर सिंह ने बचाई 15 जानें

न्यूज़ डेस्क — “यूपी समाचार” वर्ष 2018 में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित होने वाले बहादुर बच्चों की बहदुरी के किस्से से आपको लगातार रूबरू करा रहा है। इसी क्रम में आज हम आपको बताएंगे करनबीर सिंह की कहानी। 

 खुद घायल होने के बावजूद बचाई 15 जानें :

इस साल का राष्ट्रीय वीरता अवार्ड (संजय चोपड़ा National Bravery Award) पाने वाले करनबीर सिंह की खानी बेहद ही ख़ास है। अमृतसर के रहने वाले 11वीं कक्षा के करनबीर सिंह का नाम उन 18 बच्चों की लिस्ट में शामिल हैं जिनको 24 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस साल के राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिए जाएंगे। अमृतसर के इस 16 साल के लड़के ने खुद घायल होने के बावजूद दुर्घटना की शिकार अपनी स्कूल बस से 15 बच्चों की जान बचाई। 20 सितंबर 2016 को करनबीर स्कूल से घर लौट रहे थे। अटारी के पास उनकी स्कूल बस संतुलन खोकर एक नाले में गिर गई। करनबीर के मुताबिक वह खिड़की के पास बैठे थे और उन्हें सिर पर चोट पहुंची। बस में तेजी से पानी भरता जा रहा था। करनबीर ने हौसला नहीं खोया और बहादुरी दिखाते हुए एक-एक कर 15 बच्चों को बचाकर बाहर निकाल लाए। हालांकि इस दुखद हादसे में अन्य 7 बच्चों की मौत हो गई। करनबीर को उनकी बहादुरी के लिए संजय चोपड़ा अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। 

करनबीर सिंह 24 जनवरी को पीएम मोदी से मिलने वाले पुरस्कार के मौके पर अपनी तीन मांगों को उनके सामने रखेंगे। करनबीर की तीन मांगों में हैं गांव का टूटा पुल बनवाना, दूसरा इलाके में अस्पताल का बनवाना और तीसरा हमारे गांव के बार्डर पर होने वाली ड्रग्स की तस्करी को बंद किया जाए। 

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