इस नौजवान ने कुछ ऐसे किया जिले का नाम रोशन…

बहराइच– जरही गांव निवासी एक छात्र को भारत सरकार की हेल्थ विभाग ने विदेश में रिसर्च के लिए फेलोशिप दी है। इसके तहत वह भारत सरकार की ओर से आस्ट्रेलिया और जापान में स्वास्थ्य सेवाओं पर रिसर्च करेगा। इसकी जानकारी घर पहुंची तो परिवारीजनों के साथ शिक्षकों में हर्ष है।

मालूम हो कि छात्र वर्तमान में दिल्ली के चिकित्सा संस्थान एम्स के बायो टेक्नालाजी डिपार्टमेंट में रिसर्च कर रहा है। मिहींपुरवा विकास खंड अंतर्गत ग्राम जरही निवासी निर्मल कुमार वर्मा पुत्र ओमप्रकाश वर्मा ने कस्बे के सर्वोदय इंटर कालेज में हाईस्कूल की शिक्षा वर्ष 2004 में ग्रहण की। इसके बाद वह सीपेड करने पंजाब के अमृतसर गए। वहां पर चार वर्षों तक कोर्स किया। चार वर्ष तक डिप्लोमा पूरा करने के बाद निर्मल ने वर्ष 2009-10में लखनऊ के रामस्वरूप कालेज में मैकेनिकल की डिग्री ली। मैकेनिकल की डिग्री पूरा करने के बाद निर्मल आईआईआईटी जबलपुर में दाखिला लिया। यहां पर मेहनत और लगन से वर्ष 2013 में प्रोडक्ट डिजाइन के तहत मैकेनिकल इंजीनियरिंग किया। इसके बाद दिल्ली स्थित चिकित्सा संस्थान एम्स के बायो टेक्नालाजी डिपार्टमेंट में रिसर्च विभाग में उसका सलेक्शन हो गया। छात्र की मेहनत व लगन को देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने उसे रिसर्च के लिए फेलोशिप प्रदान करते हुए आस्ट्रेलिया और जापान में रिसर्च के लिए भेजने का निर्णय लिया है।

इसकी जानकारी गांव पहुंची तो परिवारीजनों के साथ शिक्षक, ग्रामीण व मित्रों में हर्ष है। सर्वोदय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य यतींद्र मोहन श्रीवास्तव, प्रवक्ता मोहम्मद रसीद, साथी छात्र रामकृपाल मदेशिया ने खुशी जताते हुए छात्र को शुभकामनाएं दी हैं। वहीं ग्रामीण परिवेश के छात्र निर्मल वर्मा ने अपनी इस सफलता का श्रेय गुरूजनों व अपने चाचा राजेंद्र वर्मा को दिया है।

एक फरवरी को रिसर्च के लिए हुआ चयन:

फेलोशिप के लिए चयनित छात्र निर्मल कुमार के भाई ने बताया कि एक फरवरी २०१८ को केंद्र सरकार के हेल्थ विभाग ने रिसर्च के लिए आस्ट्रेलिया और जापान का पत्र दिया। ऐसे में एम्स में रिसर्च कार्य पूरा करने के बाद वह आस्ट्रेलिया जाएंगे। इसके बाद जापान जाएंगे। 

एम्स में लगेगा एक वर्ष: 

फेलोशिप के लिए चयनित छात्र निर्मल ने बताया कि एम्स में मेडिकल इंजीनियरिंग का रिसर्च कार्य वह कर रहे हैं। अभी दिल्ली में एक वर्ष लगेगा। इसके बाद वह विदेश के लिए रवाना होंगे। वहां पर रिसर्च कार्य पूरा करेंगे।

(रिपोर्ट- अमरेंद्र पाठक, बहराइच )

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