चोरी-डकैती के लिए रखा था स्टाफ, 15000 सैलरी व इंसेंटिव भी देता था गिरोह

न्यूज डेस्क– देश में बेरोजगारी इस कदर बढ़ रही है कि अब चोरी व लूट के लिए भी ऑफिस खोले जा रहे है। इतना ही नही बल्कि इन चोरों को बकायदा सैलरी फिक्स की जाता है। आपको ये पढ़कर विश्वास नही होगी लेकिन जयपुर पुलिस ने ऐसी ही एक गिरोह का पर्दाफाश किया है।

जो अपना ऐसा ही एक चोरी का काम करने वाला ऑफिस चला रहा था। दरअसल जयपुर पुलिस ने दफ्तर बनाकर चोरी, चेन स्नैचिंग, नकबजनी, डकैती जैसे वारदातों के लिए युवाओं को नौकरी पर रखे गए गिरोह को दबोचा है। इन चोरों को वारदात के बदले अच्छे इंसेंटिव के साथ-साथ पंद्रह हजार रुपये महीने का वेतन दिया जाता था।

चोरी, डकैती की नौकरी में रोज एक वारदात करने का टारगेट होता था। इसमें पर्स चोरी से लेकर मोबाइल, दुपहिया गाड़ी, महिला के गले से चेन छिनने जैसे वारदातों की एक लिस्ट बनी हुई थी जिसके अनुसार ही जुर्म को अंजाम देते थे। आशीष नाम का शख्स गिरोह का मुखिया था जो सीईओ की तरह इसे चला रहा था।

पुलिस ने इस गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनमें पांच तो करौली जिले के हैं और दो गंगापुर सिटी के हैं। पुलिस ने इनके पास से 33 मोबाइल फोन, 12 लैपटॉप, 4 मोटरसाइकिल बरामद की है। इन्होंने जयपुर के एक दर्जन थानों में इस तरह की वारदात की है।

जयपुर के शिवदासपुरा और जवाहर सर्किल थाने में एक जैसी वारदात होने पर पुलिस ने जब जांच शुरू की और सीसीटीवी फुटेज जुटाए, तो इन बदमाशों का एक जैसा हुलिया दिखा। इसके बाद बदमाशों को प्रताप नगर के अपार्टमेंट के पीछे जाते हुए देखा गया। पुलिस ने अपार्टमेंट में छापा मार कर बदमाशों को गिरफ्तार किया। उसी अपार्टमेंट से यह दफ्तर चल रहा था।

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