12 साल की लड़की का दबाया स्तन, महिला जज ने कहा–‘यौन शोषण’ नहीं

त्वचा-से-त्वचा के संपर्क' के बिना बच्चे के स्तनों को टटोलना यौन शोषण नहीं-कोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने माना कि POCSO अधिनियम 2012 ‘यौन (sexual-offenses) अपराधों से बच्चों की सुरक्षा के तहत’ एक लड़की का हाथ पकड़ना और पैंट की ज़िप खोलना यौन शोषण की परिभाषा में नहीं आएगा।

ये भी पढ़ें..महिला की बेरहमी से हत्या, चाकू टूटने तक किया चहरे व गर्दन पर वार, आंख भी निकाली…

स्तनों को टटोलना यौन अपराध नहीं

यही नहीं बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने माना है कि त्वचा-से-त्वचा के संपर्क’ के बिना बच्चे के स्तनों को टटोलना भारतीय दंड संहिता के तहत छेड़छाड़ होगा, लेकिन यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम ( पोक्सो) के तहत ‘यौन उत्पीड़न’ का गंभीर अपराध नहीं। सिंगल बेंच ने पाया कि IPC की धारा 354-ए (1) (i) के तहत ऐसा करना ‘यौन उत्पीड़न’ के दायरे में आता है।

12 साल की लड़की से की थी छेड़छाड़

दरअसल 50 वर्षीय व्यक्ति को 12 साल की बच्ची से छेड़छाड़ के लिए दोषी ठहराए जाने की सजा और सजा के खिलाफ आपराधिक अपील पर जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया।

सत्र न्यायालय ने आरोपी को इस मामले में दोषी ठहराया था और उसे POCSO की धारा 10 के तहत दंडनीय ‘यौन उत्पीड़न’ (sexual-offenses) मानते हुए छह महीने के लिए एक साधारण कारावास के साथ पांच साल के कठोर कारावास और 25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी।

‘यौन उत्पीड़न’ का मतलब

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने पाया कि यह मामला ‘यौन शोषण’ का मामला है न कि ‘यौन उत्पीड़न’ (sexual-offenses) का। उन्होंने कहा कि यह मामला IPC की ‘धारा 354A (1) (i) के तहत आता है। 354A 1(i) के तहत किसी महिला को गलत नजरिए से छूना या उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहना; या इच्छा के खिलाफ अश्लील साहित्य या किताबें दिखाना अथवा महिला पर अश्लील टिप्पणी करना शामिल है।

बता दें कि एक 50 वर्षीय व्यक्ति को 12 वर्षीय लड़की से छेड़छाड़ करने और उसकी सलवार निकालने के लिए यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया गया था। अदालत ने अब दोषी को मामूली अपराध (सतीश बनाम महाराष्ट्र राज्य) के लिए धारा 354 आईपीसी (एक महिला का शील भंग) के तहत एक साल कैद की सजा सुनाई है।

ये भी पढ़ें..सरकार का बड़ा फैसलाः पुलिस विभाग में सिपाही-दारोगा के पदों पर अब किन्नरों की होगी सीधी नियुक्ति

ये भी पढ़ें..शादी के बाद पंसद आ गई साली, पत्नी से बोला- ‘सेटिंग कराओ, और फिर..

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं…)

Bombay High CourtcourtPOCSO अधिनियमSexual Molestationsexual-offensesपैंट की जी खोलना अपराध नहींबॉम्बे हाईकोर्ट का फैसलालड़की हाथ पकड़ना अपराध नहीं
Comments (0)
Add Comment