यूपी के इस जिलें में धड़ल्ले से चल रहा धर्मांतरण का खेल

पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लेकर शांतिभंग में चालान कर दिया है

प्रतापगढ़ः जिले में धर्मांतरण (conversion) का खेल धड़ल्ले से चल रहा। यही नहीं जहां प्रार्थना सभा हो रही थी वही शुरू हो गया जय श्रीराम। उधर हिंदूवादी संगठनों के साथ पहुंची पुलिस ने पांच को हिरासत में लेकर शांतिभंग में चालान किया गया है। इस दौरान भारी मात्रा में ईसाई धर्म का साहित्य बरामद हुई।

conversion:  वर्षों से बदस्तूर जारी…

बता दें कि यूपी के प्रतापगढ़ जिले में धर्मांतरण (conversion) और चंगाई सभा का आयोजन वर्षों से बदस्तूर जारी है। रविवार को प्रार्थना सभा ताजपुर धमैया गांव के राजा गौतम के घर चल रही थी जो वर्षों से प्रत्येक रविवार को आयोजित की जाती है। वहीं अचानक हिंदूवादी संगठन के लोगो ने इलाकाई पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और प्रार्थना सभा को बन्द करवा कर तलाशी ली। तलाशी में बक्सों गत्तों में बन्द ईसाई धर्म की पुस्तकें भारी मात्रा मिला साथ ही एम्पलीफायर भी मिला।

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पांच पर शांतिभंग का चालान…

इस दौरान मौके से कार्यक्रम संचालक राजा गौतम, महेशगंज के दीवान का पुरवा का मोहित कुमार, रायपुर भरखी का सुरेश कुमार, कनावां का विशेष कुमार और फतूहाबाद का आकाश के साथ ही बरामद सामग्री लेकर थाने वापस चली गई और पांचों का चालान शांतिभंग की धारा 151 में चालान कर दिया। वहीं इस कार्यक्रम में महिलाओं की ही ज्यादा संख्या नजर आई।

मोबाइल द्वारा की गई रिकार्डिंग

पुलिस की कार्यवाई के दौरान दरोगा ने महिलाओ से मोबाइल द्वारा रिकार्डिंग करते हुए पूंछा गया किसकी पूजा कर रही थी तो महिला ने बताया कि यीशु की इस पर दरोगा जी ने पूंछ लिया ये कौन भगवान है तो महिला जवाब नही दे पाई।कार्यवाई के बाद जिस जगह पर यीशु दरबार सजा था वही हिंदूवादी लोगो ने जयश्रीराम की नारेबाजी शुरू कर दी। इस बाबत हमने उच्चाधिकारियों से कार्यवाई की बाबत जानकारी चाही तो उन्होंने इस पर कोई बात करने से मना करते हुए पल्ला झाड़ लिया।

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पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल

अब बड़ा सवाल ये है कि संविधान हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता देता है बावजूद इसके इस तरह की कार्यवाई से पुलिस के भी धर्मनिरपेक्ष होने पर सवालिया निशान खड़ा करते है, हालांकि इस तरह के कार्यक्रम सामाजिक भेदभाव के चलते और बीमारियों से निजात पाने के लिए पनपते है जिसका लाभ धर्म का प्रचार करने वाले लोग उठाते। यहा आस्था इतनी गहरी थी कि कोरोना को लेकर एक दूसरे से दूरी बना कर रखने का प्रचार होने के बावजूद लोग भारी संख्या में एकत्रित हुए थे।

(रिपोर्ट-मनोज त्रिपाठी, प्रतापगढ़)

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