अखिलेश यादव और ओपी राजभर के बीच बढ़ रही दूरियां, क्या एक बार फिर भाजपा होगी सुभासपा के साथ

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर के बीच मन मुटाव शुरू हो गया है।

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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर के बीच मन मुटाव शुरू हो गया है। दरअसल, राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव में सपा की जगह भाजपा की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मु को चुन लिया है। इतना ही नहीं राजभर विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा की जगह एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मु को वोट देने का ऐलान तक कर दिया है। ऐसे में राजनीतिक गलियारे में चर्चा तेज हो गई है कि क्या अब भाजपा, सुभासपा को अपने साथ लेगी और राजभर को योगी सरकार में मंत्री बनाया जाएगा।

अखिलेश यादव और ओपी राजभर के बीच बढ़ रही दूरियां:

बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और ओपी राजभर के बीच तनातनी तो आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद से ही दिखाई दे रही है। लेकिन इन दोनों नेताओं के बीच चल रहे मन मुटाव को लखनऊ में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हुई विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा की बैठक ने इसको अचानक ही काफी बढ़ा दिया। वहीं ओपी राजभर सीएम योगी के बुलावे पर एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मु के सम्मान में आयोजित डिनर में भी पहुंच गए। वहीं डिनर के बाद राजभर ने सीएम योगी की तारीफ की और कहा कि अखिलेश यादव ने बुलाया ही नहीं और योगी जी ने बुलाया भी और द्रौपदी मुर्मु के लिए समर्थन भी मांगा।

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राजभर ने भाजपा की राष्ट्रपति उम्मीदवार का किया समर्थन:

दरअसल, शुक्रवार को यानि आज लखनऊ में मुर्मु को समर्थन देने का ऐलान करते हुए राजभर ने योगी के साथ ही अमित शाह की भी तारीफ की। वहीं राजभर ने भले ही अभी अखिलेश यादव के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान नहीं किया है लेकिन अमित शाह से मुलाकात और बैठकों की बातों से यह साफ है कि उनकी करीबियां अब बीजेपी से बढ़ रही हैं।

 

 

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